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Job

 Recruitment Drive  - 3-11  2020


Company Name - wisepower A- 22 sec-64  noida


Qualification- 10th Pass

(1) Production - 

, यह भर्ती सिर्फ लड़को के लिए 


In hand 8100/-

OT- 50/- 

Attendance reward 500/-


Regards,

Tarun chauhan  9149039645

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झांसी की रानी

झांसी की रानी "लक्ष्मीबाई" की मुहर जिसे दरबारी फ़रमान में इस्तेमाल किया जाता था हालांकि रानी लक्ष्मीबाई बाई शासनकाल बहुत कम दिनों ही रहा 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हो गईं थी। 1857 की क्रांति में ना तो मुग़ल बादशाह बहादुर शाह ज़फ़र का साथ हिंदुस्तान के किसी रियासत ने दिया और ना ही रानी लक्ष्मीबाई का सिवाय तात्या टोपे और बाँदा के नवाब थे जिन्होंने रानी लक्ष्मीबाई का साथ दिया। अलबत्ता सिंधिया जैसे राजाओं ने लक्ष्मीबाई के खिलाफ अंग्रेजों की मदद की थी। आज रानी लक्ष्मीबाई बाई का जन्मदिन है आज ही के दिन 19 नवम्बर 1828 को बनारस में पैदाइश हुई।

सरदार वल्लभभाई पटेल

 15 अगस्त, 1947 को अंग्रेजों ने भारत को स्वाधीन तो कर दिया; पर जाते हुए वे गृहयुद्ध एवं अव्यवस्था के बीज भी बो गये। उन्होंने भारत के 600 से भी अधिक रजवाड़ों को भारत में मिलने या न मिलने की स्वतन्त्रता दे दी। अधिकांश रजवाड़े तो भारत में स्वेच्छा से मिल गये; पर कुछ आँख दिखाने लगे। ऐसे में जिसने इनका दिमाग सीधाकर उन्हें भारत में मिलाया, उन्हें हम लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से जानते हैं। वल्लभभाई का जन्म 31 अक्तूबर, 1875 को हुआ था। इनके पिता श्री झबेरभाई पटेल ग्राम करमसद (गुजरात) के निवासी थे। उन्होंने भी 1857 में रानी झाँसी के पक्ष में युद्ध किया था। इनकी माता लाड़ोबाई थीं। बचपन से ही ये बहुत साहसी एवं जिद्दी थे। एक बार विद्यालय से आते समय ये पीछे छूट गये। कुछ साथियों ने जाकर देखा, तो ये धरती में गड़े एक नुकीले पत्थर को उखाड़ रहे थे। पूछने पर बोले - इसने मुझे चोट पहुँचायी है, अब मैं इसे उखाड़कर ही मानूँगा। और वे काम पूरा कर ही घर आये। एक बार उनकी बगल में फोड़ा निकल आया। उन दिनों गाँवों में इसके लिए लोहे की सलाख को लालकर उससे फोड़े को दाग दिया जाता था। नाई ने सलाख को भट्ठी में...

Ghajipur

आदरणीय Manoj Sinha जी का #अंधऊ_हवाई_पट्टी #गाज़ीपुर Ghajipur